ज़ोहरा सैगल: ‘फ़ैटी’

Paper Type: 130 gsm art paper (matt) | Size: 236mm x 176mm
All colour; 127 photographs
ISBN-10: 93-86906-73-1 | ISBN-13: 978-93-86906-73-1

 795
  

ज़ोहरा सैगलः ‘फै़टी’ प्रतिभाशाली अभिनेी की उनकी बेटी, किरन के शब्दों में कही गई कहानी है। यह पुस्तक पाठक को ज़ोहरा के जीवन आरम्भिक दौर से लेकर उनके पर्यटन, शादी, लन्दन में उनका जीवन और फिर लौटकर दिल्ली, जहाँ वह अब रहती हैं, आने तक की पूरी याा में ले जाती है। मंच और स्क्रीन दोनों पर उनका अभिनय एवं प्रदर्शन पूर्णतया स्मरणीय रहे हैं। यह पुस्तक ज़ोहरा के प्रति एक श्रद्धांजलि है। युवावस्था में जोहरा द्वारा बनाए गए स्केच एवं उनके चिों से युक्त यह पुस्तक वास्तव में संग्रहणीय से कहीं अधिक है। ज़ोहरा सैगल प्रतिभा, कठोर परिश्रम और उत्साह का दुर्लभ संयोजन रही हैं। उनका पूर्ण जीवन स्वयं में एक उत्सव है, िजसे मनाया जाना चाहिए।



Kiran Segal
Kiran Segal
Author

Kiran Segal is one of the most innovative and outstanding dancers/choreographers of Odissi. She has performed in forty-one countries all over the world and has also participated in major dance festivals. She has been honoured with several titles and awards for her dedication and contribution to Indian classical dance, including the Sangeet Natak Akademi. Award,2002; the Padmashree in, 2002, the Neelamadhava Award, 2002; the Kala Shreshtha Sammaan, 2000; the Indira Gandhi Priyadarshini Award, 2000; the Nritya Vilas, 1993; the Nritya Saraswati, 1991; the Parishad Sammaan, Delhi Government, 1986; the Shringaar Mani, 1979 and the Kala Mani, 1976. In 2011, she was given the Meri Dilli award for her contribution to culture. Kiran’s single-minded and deep-rooted attachment to dance has led her to establish Pallavi—Odissi Nritya Sangeet Vidyalaya in New Delhi.

किरन सैगल ओडिसी नृत्य की नवीनतम एवं अतीव प्रतिभाशाली नृत्यांगना तथा नृत्यनिर्देशिका हैं। वे युवाओं के बीच ओडिसी नृत्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में रुचि रखती हैं। वे अपने व्याख्यानों, प्रदर्शनों, कार्यशालाओं और वार्ताओं के माध्यम से इस प्राचीन नृत्यकला को भारत के कोने-कोने में ले गई है। किरन ने 41 देशों में अपने नृत्य का प्रदर्शन किया है और प्रमुख नृत्य उत्सवों में भी भाग लिया है। उन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य में उनके समर्पण और योगदान के लिए नेशनल एकेडमी अाॅफ म्यूजिक एंड डांस द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2002, राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री, 2002, नीलमाधव पुरस्कार, 2002, कला श्रेष्ठ सम्मान, 2000, इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार, 2000, नृत्य विलास 1993, नृत्य सरस्वती, 1991, परिषद सम्मान, दिल्ली सरकार, 1986, श्रृंगार मणि, 1979 और कला मणि 1976 सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में उन्हें उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए मेरी दिल्ली पुरस्कार प्रदान किया गया। नृत्य के प्रति एकाग्रता एवं लगाव ने किरन को नई दिल्ली में पल्लवी-ओडिसी नृत्य संगीत विद्यालय स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है जहाँ वह नृत्य-प्रेमियों को प्रशिक्षण प्रदान करती हैं और उनकी प्रतिभा को सँवारती हैं। उनके कुछ शिष्य संस्कृति मंालय और दिल्ली सरकार से नृत्य के लिए छावृत्ति प्राप्त कर चुके हैं। कई अन्य अब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूएसएसअार और इंगलैंड में बस चुके हैं। वे ओडिसी नृत्य को अपने जीवन में एक मार्गदर्शक शक्ति के रूप में देखती हैं।

बाल  किशन बाली
बाल किशन बाली
Translator

बाल किशन बाली (एम. ए. राजनीति विज्ञान, डिप्लोमा हिन्दी पकारिता) लेखक, अनुवादक, गीतकार, व स्वतं पकार, हैं। इनकी लिखी और अनुवादित की गई डाक्युमेन्ट्रीज दूरदर्शन, टाॅपर, राज्यसभा टीवी और नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर प्रसारित हुई हैं। इसके अलावा ये क्षे ीय फिल्में और एल्बम बनाने में सक्रिय हैं।



 


 

Folktales & Songs of Great Andamanese: A Series (Song 7)